· भारत की वायु अंतरिक्ष में अलग क्यों नजर आती है \
भारत की वायु आसपास के दक्षिण एशियाई
देशों की वायु से थोड़ी अलग है
ऐसा इसलिए, क्योंकि भारत की वायु
में फ़ॉर्मलडिहाइड मौजूद है. ऐसी रंगहीन गैस प्राकृतिक तौर पर
पेड़-पौधों और अन्य वनस्पतियों के ज़रिए छोड़ी जाती है लेकिन इसके
साथ-साथ प्रदूषण फ़ैलाने वाली गतिविधियों के कारण भी यह गैस पैदा होती हैA
यूरोप के नए उपग्रह सेंटनल-5पी ने भारत के ऊपर
मौजूद वायुमंडल में इस गैस की बढ़ी हुई
मात्रा का पता लगाया है. सेंटनल-5पी
उपग्रह को पिछले साल अक्तूबर में दुनिया भर में वायु की गुणवत्ता पर नज़र रखने के लिए लॉन्च किया गया था I
· क्या है फ़ार्मलडिहाइड
वायमुंडल में नाइट्रोजन और ऑक्सिजन जैसे
अहम घटकों की तुलना में फ़ॉर्मलडिहाइड (CH₂O ) का सिग्नल बहुत
कमज़ोर होता हैA
वायु के एक अरब अणुओं में CH₂O के कुछ ही अणु होंगे
"फ़ॉर्मलडिहाइड में कई तरह के अस्थिर जैविक यौगिक होते हैं. वनस्पति उनका प्राकृतिक स्रोत है मगर आग या प्रदूषण के
कारण भी उनकी मात्रा बढ़ सकती हैA "
"वैसे तो यह बात इलाक़े के ऊपर निर्भर करती है मगर 50 से 80 प्रतिशत सिग्नल जीव जनित स्रोतों से आते हैंA अगर सिग्नल इससे
ज़्यादा आया तो ऐसा प्रदूषण और आग के
कारण ही होगा. कोयला जलाने या जंगल
की आग के कारण ऐसा हो सकता है मगर भारत
में खेतों में भी बहुत ज़्यादा आग
लगाई जाती हैA"
भारत में घर पर खाना बनाने और गर्माहट
आदि के लिए अभी भी ठीक-ठाक मात्रा में लकड़ी जलाई जाती हैA
· क्या है ख़तरा
अस्थिर जैविक यौगिक जब
जीवाश्म ईंधनों के जलने से पैदा होने वाली नाइट्रोजन डाइऑक्साइड और सूरज
की रोशनी के संपर्क में आते हैं तो प्रतिक्रिया होती है और इससे ग्राउंड लेवल
ओज़ोन बनती हैA
और इससे कई स्वास्थ्य संबंधित समस्याएं
हो सकती हैंA
उत्तर पश्चिम भारत में फ़ॉर्मलडिहाइड का
घनत्व कम है, वह राजस्थान की मरुभूमि है जहां वनस्पति भी
कम है और आबादी भी.
· सेनिटल-5पी कितना
कम करता है
सेनिटल-5पी (S5P) को यूरोपियन स्पेस एजेंसी ने यूरोपियन यूनियन के कॉपरनिकस
अर्थ-मॉनिटरिंग कार्यक्रम के लिए लॉन्च किया थाA
इस सेटेलाइट में लगा
ट्रोपोमी उपकरण वायुमंडल में फ़ॉर्मलडिहाइड के अलावा नाइट्रोजन ऑक्साइड, ओज़ोन, सल्फ़र डाइऑक्साइड, मीथेन, कार्बन मोनॉक्साइड और एरोसोल्स (छोटे वाष्प या कण) के अंशों का पता लगा सकता हैA